Facebook Twitter Instagram
    Subscribe
    www.hindivachan.in
    Facebook Twitter Instagram YouTube
    • Home
    • Bible

      1 कुरिन्थियों – 16 | 1 Corinthians – 16

      October 5, 2022

      1 कुरिन्थियों – 15 | 1 Corinthians – 15

      October 5, 2022

      1 कुरिन्थियों – 12 | 1 Corinthians – 12

      October 5, 2022

      1 कुरिन्थियों – 13 | 1 Corinthians – 13

      October 5, 2022

      1 कुरिन्थियों – 11 | 1 Corinthians – 11

      October 5, 2022
    • Quiz
    • Study
    • Contact
    • Donate
    www.hindivachan.in
    Home»Bible»New Testament»Gospel of Luke»लूका रचित सुसमाचार– 7 | Gospel of Luke – Online Hindi Bible
    Gospel of Luke

    लूका रचित सुसमाचार– 7 | Gospel of Luke – Online Hindi Bible

    Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Reddit WhatsApp Email
    Share
    Facebook Twitter Pinterest Reddit WhatsApp Email

    1 जब वह लोगों को अपनी सारी बातें सुना चुका, तो कफरनहूम में आया। 2 और किसी सूबेदार का एक दास जो उसका प्रिय था, बीमारी से मरने पर था।3 उस ने यीशु की चर्चा सुनकर यहूदियों के कई पुरनियों को उस से यह बिनती करने को उसके पास भेजा, कि आकर मेरे दास को चंगा कर। 4 वे यीशु के पास आकर उस से बड़ी बिनती करके कहने लगे, कि वह इस योग्य है, कि तू उसके लिये यह करे। 5 क्योंकि वह हमारी जाति से प्रेम रखता है, और उसी ने हमारे आराधनालय को बनाया है।

    6 यीशु उन के साथ साथ चला, पर जब वह घर से दूर न था, तो सूबेदार ने उसके पास कई मित्रों के द्वारा कहला भेजा, कि हे प्रभु दुख न उठा, क्योंकि मैं इस योग्य नहीं, कि तू मेरी छत के तले आए। 7 इसी कारण मैं ने अपने आप को इस योग्य भी न समझा, कि तेरे पास आऊं, पर वचन ही कह दे तो मेरा सेवक चंगा हो जाएगा। 8 मैं भी पराधीन मनुष्य हूं; और सिपाही मेरे हाथ में हैं, और जब एक को कहता हूं, जा, तो वह जाता है, और दूसरे से कहता हूं कि आ, तो आता है; और अपने किसी दास को कि यह कर, तो वह उसे करता है।

    9 यह सुनकर यीशु ने अचम्भा किया, और उस ने मुंह फेरकर उस भीड़ से जो उसके पीछे आ रही थी कहा, मैं तुम से कहता हूं, कि मैं ने इस्राएल में भी ऐसा विश्वास नहीं पाया। 10 और भेजे हुए लोगों ने घर लौटकर, उस दास को चंगा पाया॥ 11 थोड़े दिन के बाद वह नाईंन नाम के एक नगर को गया, और उसके चेले, और बड़ी भीड़ उसके साथ जा रही थी। 12 जब वह नगर के फाटक के पास पहुंचा, तो देखो, लोग एक मुरदे को बाहर लिए जा रहे थे; जो अपनी मां का एकलौता पुत्र था, और वह विधवा थी: और नगर के बहुत से लोग उसके साथ थे।

    13 उसे देख कर प्रभु को तरस आया, और उस से कहा; मत रो। 14 तब उस ने पास आकर, अर्थी को छुआ; और उठाने वाले ठहर गए, तब उस ने कहा; हे जवान, मैं तुझ से कहता हूं, उठ। 15 तब वह मुरदा उठ बैठा, और बोलने लगा: और उस ने उसे उस की मां को सौप दिया। 16 इस से सब पर भय छा गया; और वे परमेश्वर की बड़ाई करके कहने लगे कि हमारे बीच में एक बड़ा भविष्यद्वक्ता उठा है, और परमेश्वर ने अपने लोगों पर कृपा दृष्टि की है।

    17 और उसके विषय में यह बात सारे यहूदिया और आस पास के सारे देश में फैल गई॥ 18 और यूहन्ना को उसके चेलों ने इन सब बातों का समचार दिया। 19 तब यूहन्ना ने अपने चेलों में से दो को बुलाकर प्रभु के पास यह पूछने के लिये भेजा; कि क्या आनेवाला तू ही है, या हम किसी और दूसरे की बाट देखें? 20 उन्होंने उसके पास आकर कहा, यूहन्ना बपतिस्मा देने वाले ने हमें तेरे पास यह पूछने को भेजा है, कि क्या आनेवाला तू ही है, या हम दूसरे की बाट जोहें?

    21 उसी घड़ी उस ने बहुतों को बीमारियों; और पीड़ाओं, और दुष्टात्माओं से छुड़ाया; और बहुत से अन्धों को आंखे दी। 22 और उस ने उन से कहा; जो कुछ तुम ने देखा और सुना है, जाकर यूहन्ना से कह दो; कि अन्धे देखते हैं, लंगड़े चलते फिरते हैं, कोढ़ी शुद्ध किए जाते हैं, बहिरे सुनते हैं, मुरदे जिलाये जाते हैं; और कंगालों को सुसमाचार सुनाया जाता है।

    23 और धन्य है वह, जो मेरे कारण ठोकर न खाए॥ 24 जब यूहन्ना के भेजे हुए लोग चल दिए, तो यीशु यूहन्ना के विषय में लोगों से कहने लगा, तुम जंगल में क्या देखने गए थे? क्या हवा से हिलते हुए सरकण्डे को? 25 तो तुम फिर क्या देखने गए थे? क्या कोमल वस्त्र पहिने हुए मनुष्य को? देखो, जो भड़कीला वस्त्र पहिनते, और सुख विलास से रहते हैं, वे राजभवनों में रहते हैं।

    26 तो फिर क्या देखने गए थे? क्या किसी भविष्यद्वक्ता को? हां, मैं तुम से कहता हूं, वरन भविष्यद्वक्ता से भी बड़े को। 27 यह वही है, जिस के विषय में लिखा है, कि देख, मैं अपने दूत को तेरे आगे आगे भेजता हूं, जो तेरे आगे मार्ग सीधा करेगा। 28 मैं तुम से कहता हूं, कि जो स्त्रियों से जन्मे हैं, उन में से यूहन्ना से बड़ा कोई नहीं: पर जो परमेश्वर के राज्य में छोटे से छोटा है, वह उस से भी बड़ा है।

    29 और सब साधारण लोगों ने सुनकर और चुंगी लेने वालों ने भी यूहन्ना का बपतिस्मा लेकर परमेश्वर को सच्चा मान लिया। 30 पर फरीसियों और व्यवस्थापकों ने उस से बपतिस्मा न लेकर परमेश्वर की मनसा को अपने विषय में टाल दिया। 31 सो मैं इस युग के लोगों की उपमा किस से दूं कि वे किस के समान हैं? 32 वे उन बालकों के समान हैं जो बाजार में बैठे हुए एक दूसरे से पुकारकर कहते हैं, कि हम ने तुम्हारे लिये बांसली बजाई, और तुम न नाचे, हम ने विलाप किया, और तुम न रोए।

    33 क्योंकि यूहन्ना बपतिस्मा देने वाला न रोटी खाता आया, न दाखरस पीता आया, और तुम कहते हो, उस में दुष्टात्मा है। 34 मनुष्य का पुत्र खाता-पीता आया है; और तुम कहते हो, देखो, पेटू और पियक्कड़ मनुष्य, चुंगी लेने वालों का और पापियों का मित्र। 35 पर ज्ञान अपनी सब सन्तानों से सच्चा ठहराया गया है॥ 36 फिर किसी फरीसी ने उस से बिनती की, कि मेरे साथ भोजन कर; सो वह उस फरीसी के घर में जाकर भोजन करने बैठा।

    37 और देखो, उस नगर की एक पापिनी स्त्री यह जानकर कि वह फरीसी के घर में भोजन करने बैठा है, संगमरमर के पात्र में इत्र लाई। 38 और उसके पांवों के पास, पीछे खड़ी होकर, रोती हुई, उसके पांवों को आंसुओं से भिगाने और अपने सिर के बालों से पोंछने लगी और उसके पांव बारबार चूमकर उन पर इत्र मला। 39 यह देखकर, वह फरीसी जिस ने उसे बुलाया था, अपने मन में सोचने लगा, यदि यह भविष्यद्वक्ता होता तो जान लेता, कि यह जो उसे छू रही है, वह कौन और कैसी स्त्री है? क्योंकि वह तो पापिनी है।

    40 यह सुन यीशु ने उसके उत्तर में कहा; कि हे शमौन मुझे तुझ से कुछ कहना है वह बोला, हे गुरू कह। 41 किसी महाजन के दो देनदार थे, एक पांच सौ, और दूसरा पचास दीनार धारता था। 42 जब कि उन के पास पटाने को कुछ न रहा, तो उस ने दोनो को क्षमा कर दिया: सो उन में से कौन उस से अधिक प्रेम रखेगा। 43 शमौन ने उत्तर दिया, मेरी समझ में वह, जिस का उस ने अधिक छोड़ दिया: उस ने उस से कहा, तू ने ठीक विचार किया है।

    44 और उस स्त्री की ओर फिरकर उस ने शमौन से कहा; क्या तू इस स्त्री को देखता है मैं तेरे घर में आया परन्तु तू ने मेरे पांव धाने के लिये पानी न दिया, पर इस ने मेरे पांव आंसुओं से भिगाए, और अपने बालों से पोंछा! 45 तू ने मुझे चूमा न दिया, पर जब से मैं आया हूं तब से इस ने मेरे पांवों का चूमना न छोड़ा। 46 तू ने मेरे सिर पर तेल नहीं मला; पर इस ने मेरे पांवों पर इत्र मला है। 47 इसलिये मैं तुझ से कहता हूं; कि इस के पाप जो बहुत थे, क्षमा हुए, क्योंकि इस ने बहुत प्रेम किया; पर जिस का थोड़ा क्षमा हुआ है, वह थोड़ा प्रेम करता है।

    48 और उस ने स्त्री से कहा, तेरे पाप क्षमा हुए। 49 तब जो लोग उसके साथ भोजन करने बैठे थे, वे अपने अपने मन में सोचने लगे, यह कौन है जो पापों को भी क्षमा करता है? 50 पर उस ने स्त्री से कहा, तेरे विश्वास ने तुझे बचा लिया है, कुशल से चली जा॥ 

    Gospel of Luke Hindivachan New Testament Online Hindi Bible
    Share. Facebook Twitter Pinterest LinkedIn WhatsApp Reddit Email

    Related Posts

    1 कुरिन्थियों – 16 | 1 Corinthians – 16

    October 5, 2022

    1 कुरिन्थियों – 15 | 1 Corinthians – 15

    October 5, 2022

    1 कुरिन्थियों – 13 | 1 Corinthians – 13

    October 5, 2022

    1 कुरिन्थियों – 12 | 1 Corinthians – 12

    October 5, 2022

    1 कुरिन्थियों – 11 | 1 Corinthians – 11

    October 5, 2022

    1 कुरिन्थियों – 10 | 1 Corinthians – 10

    October 5, 2022
    Add A Comment

    Comments are closed.

    मरकुस अध्याय 8 | Book of Mark Chapter 8

    लूका रचित सुसमाचार– 6 | Gospel of Luke – Online Hindi Bible

    प्रेरितों के काम 14 | Acts of Apostles Chapter 14 | Online Hindi Bible

    प्रेरितों के काम 22 | Acts of Apostles Chapter 22 | Online Hindi Bible

    Categories

    प्रकाशितवाक्य – अध्याय 2 | Book of Revelation Chapter 2

    सूची पर जायें इफिसुस की कलीसिया के दूत को यह लिख, कि, जो सातों तारे…

    Read More

    1 कुरिन्थियों – 13 | 1 Corinthians – 13

    सुची पर जायें 1 यदि मैं मनुष्यों, और सवर्गदूतों की बोलियां बोलूं, और प्रेम न…

    Read More

    मरकुस अध्याय 6 | Book of Mark Chapter 6

    यूहन्ना अध्याय 16 | Book of John Chapter 16

    मत्ती 3 | मत्ती रचित सुसमाचार | Book of Matthew – 3 | Online Hindi Bible

    सूची पर जायें 1 उन दिनों में यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाला आकर यहूदिया के जंगल में…

    Read More

    रोमियों – अध्याय 5 | Romans Chapter 5

    सूची पर जायें 1 सो जब हम विश्वास से धर्मी ठहरे, तो अपने प्रभु यीशु…

    Read More

    प्रकाशितवाक्य – अध्याय 10 | Book of Revelation Chapter 10

    सूची पर जायें 1 फिर मैं ने एक और बली स्वर्गदूत को बादल ओढ़े हुए…

    Read More

    लूका रचित सुसमाचार– 17 | Gospel of Luke – Online Hindi Bible

    1 फिर उस ने अपने चेलों से कहा; हो नहीं सकता कि ठोकरें न लगें,…

    Read More
    New Testament

    1 कुरिन्थियों – 16 | 1 Corinthians – 16

    1 कुरिन्थियों – 15 | 1 Corinthians – 15

    1 कुरिन्थियों – 13 | 1 Corinthians – 13

    1 कुरिन्थियों – 12 | 1 Corinthians – 12

    Recent Posts
    • 1 कुरिन्थियों – 16 | 1 Corinthians – 16
    • 1 कुरिन्थियों – 15 | 1 Corinthians – 15
    • 1 कुरिन्थियों – 12 | 1 Corinthians – 12
    • 1 कुरिन्थियों – 13 | 1 Corinthians – 13
    • 1 कुरिन्थियों – 11 | 1 Corinthians – 11
    Facebook Twitter Instagram Pinterest YouTube LinkedIn
    • About Us
    • Privacy Policy
    • Terms and Conditions
    • Contact
    © 2023 HindiVachan. Designed by CreativeMevin.

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.